बुधवार, 5 अप्रैल 2017

मधु सिंह : ये इश्क भी खुदा नें क्या चीज़ बनाई है



अब  दर्द ज़िन्दगी का  सहा भी नहीं जाता
हया  के  पर्दे से कुछ कहा  भी नहीं जाता

आलम -ए - तन्हाई  औ ये  बेबसी भी कैसी
के  उनके बगैर तन्हां रहा भी नहीं जाता

ख़्वाबों के  समंदर  में हमने डूब के देखा है
ख्वाबों  में न आयें तो रहा भी नहीं जाता

ये    इश्क भी खुदा नें  क्या चीज़ बनाई है
गर ये इश्क न होता तो रहा भी नहीं जाता


                               मधु "मुस्कान "





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें