रविवार, 26 मई 2013

मधु सिंह : इश्क की खुशबू

         इश्क की खुशबू


             तू  शौक  से   जी  ले  खिला  कर  फूल होठों पर 
             तुम्हारे   इश्क  की  खुशबू   निशानी  मांगती हैं 

             वो  तितली है  जो   बैठी तुम्हारे शुर्ख  होठों पर
             मोहब्बत  के   कशिश   की  कहानी   मांगती है

            मौज़े - दरिया  बन  परिन्दा चूम लेगी ओठ तेरे
            फज़ा में  कैद  हुश्ने-  ताबानी  जवानी मांगतीं हैं 

            हुश्न के आगोश  में  फड़फड़ाता फाख्ताये- दिल 
            तेरे शुर्ख  होठों से मोहब्बत  जाफ़रानी मांगती है

            मधुर मुश्कान के दीपक होठों पर जलाने के लिये
           आरज़ूएं  प्यार की  ख़ुदा  से   दीपदानी मांगतीं है 

         ताबानी -जगमगाहट

                                                 मधुर "मुस्कान "
            

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह इश्क की भीनी भीनी खुशबू

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  2. हुश्न के आगोश में फड़फड़ाता फाख्ताये- दिल
    तेरे शुर्ख होठों से मोहब्बत जाफ़रानी मांगती है

    मधुर मुश्कान के दीपक होठों पर जलाने के लिये
    आरज़ूएं प्यार की ख़ुदा से दीपदानी मांगतीं है
    बहुत सुन्दर ,बात तितली की है तो लीजिये "तेरा हर फूल से तितली उड़ना याद आता है,******

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  3. हुश्न के आगोश में फड़फड़ाता फाख्ताये- दिल
    तेरे शुर्ख होठों से मोहब्बत जाफ़रानी मांगती है------

    गजब की बात
    बहुत सुंदर अनुभूति


    आग्रह हैं पढ़े
    ओ मेरी सुबह--
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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  4. बहुत खूब लिखा आपने गहन अभिव्यक्ति विचारों की | साधू |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  5. प्यार मोहब्बत की भीनी भीनी खुशबू समाये बेहतरीन ग़ज़ल.

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  6. बहुत अच्छी रचना सुंदर प्रस्तुति!!

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